अवैध राष्ट्र इस्राईल ने एक बार फिर लेबनान पर बर्बर हमले किए। इस्राईल के हमलों के जवाब में लेबनानी सेना ने देश में हथियारों पर सरकारी एकाधिकार की योजना को अस्थायी रूप से निलंबित करने का सुझाव दिया है।
लेबनान की सेना ने दक्षिणी इलाकों पर जारी इस्राईली हमलों को देखते हुए सरकार से आग्रह किया है कि हथियारों के नियंत्रण की योजना को फिलहाल रोका जाए।
लेबनानी सेना के कमांडर जनरल रूडोल्फ हाइकल ने कैबिनेट बैठक में कहा कि मौजूदा हालात में हथियारों पर पूरी तरह सरकारी नियंत्रण लागू करना संभव नहीं है, और इस्राईली आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए प्रतिरोधी ताकतों की मौजूदगी अनिवार्य है।
सेना के ताज़ा बयान में कहा गया है कि इस्राईली दुश्मन ने दक्षिणी लेबनान पर हमलों की नई लहर शुरू की है, जिसमें कई शहर और गांव निशाने पर आए हैं। सेना ने इन हमलों को देश में अस्थिरता फैलाने, तबाही लाने और युद्ध को लंबा खींचने की कोशिश बताया।
बयान में आगे कहा गया कि इस्राईल इन हमलों के ज़रिए युद्धविराम समझौते के तहत सेना की तैनाती को रोकने की कोशिश कर रहा है, ताकि लेबनान में रक्षात्मक व्यवस्था स्थापित न हो सके।
बता दें कि इस्राईली लड़ाकू विमानों ने ऐता अल-जबल और तीर दबा के पूरी तरह रिहायशी इलाकों पर भारी बमबारी की, जिससे नागरिकों में डर और अफरा-तफरी फैल गई।
लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत पूर्ण युद्ध अपराध और गंभीर राजनीतिक अपराध बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की।
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